Saturday, May 5, 2018

वर्तमान (A peep into start of search: written on 25 July 1990) - 5 May 2018

तुम क्या चाहते हो मुझसे बताओ जरा,
कुछ भी कहना नहीं चाहता हूँ मैं अभी,
मेरे जीवन की राहे अभी तय नहीं,
मुक्त जीवन बिताना चाहता हूँ अभी ।

जीवन लक्ष्य की और बढ़ना है मुझे,
जीवन में 'कुछ' है पाना मुझे,
'क़ुछ' की परिभाषा मैं दूंगा भी क्या,
खुद को ही मालूम नहीं है अभी ।

इतना ही जानता हूँ कि अपनी राह में,
कांटे न बिछाऊ अपनी चाह में,
चाहता हूँ साधनों की शुद्धता भी मैं,
पर साध्य के लिए बढ़ना चाहता हूँ अभी।

समय देखते-देखते गुजर जायेगा,
वह वक्त भी फिर आ जायेगा,
जब मैं खड़ा हूँगा दोराहे पर फिर,
उसके लिए ढलना पड़ेगा अभी।

मुझे business नहीं carrier चाहिये ,
मुझे पैसा नहीं, अध्ययन चाहिये ,
मेरे लक्ष्य के अनुरूप है बस यही,
उससे दूर होना न चाहता हूँ अभी।

जन्मांतर के बंधन से मुक्ति मिले,
न मुझ पर बकाया हो शिकवे-गिले ,
मुझे फिर-फिर न आना पड़े लौटकर,
ऐसा निर्वाण चाहता हूँ मैं अभी।