Thursday, April 30, 2020

Lockdown 2.0 Day 13-16 Apr 30, 2020

आज 1100 और कुल 27350 भोजन वितरण,
बारह दिन गुजरे हैं उन्नीस दिन का द्वितीय चरण। 
19 दिन!
अद्भुत ग्रन्थ भगवद्गीता सुनाया युद्धक्षेत्र मेंस्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को!
वर्तमान में स्वामी रामसुखदास ने लिखाअनुपम टीका साधक संजीवनी को !

त्रयोदश अध्याय क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग मेंसमझाया भगवान ने देह और देही का अंतर,
सम्पूर्ण सृष्टि मेंसभी शरीरों में व्याप्त क्षेत्रज्ञ,
है मात्र एक आत्मा - परमात्मा स्वयं 
चतुर्दश अध्याय गुणत्रयविभागयोग में बतलाया,
प्रकृति में व्याप्त गुण सत्वरजस एवं तमस्,
सत्व गुण से ज्ञानप्रकाशरजस से होती क्रिया,
तमस् से व्याप्त होता अज्ञानप्रमादआलस्य। 

पंचदश अध्याय पुरुषोत्तम योग मेंपरमात्मा का विशद वर्णन।  
क्षर प्रकृतिअक्षर जीवात्मापुरुषोत्तम है भगवान कृष्ण स्वयं
षोडश अध्याय दैवासुरीसंपद्विभागयोग में बताया देवी  आसुरी सम्पदा के गुणप्रभाव को,
अभिमानी मनुष्य नहीं हासिल कर पातामानव जीवन में प्राप्य सत्यआर्जव दैवी गुणों को। 

लॉकडाउन  से हम कोरोना रोगी की संख्या कम करने में कामयाब हुए हैं,
क्या अब यदि बढ़े मरीज़तो हमारे अस्पताल तैयार हो गए हैं ?
अग्नि परीक्षा के लिए हमें कमर कसनी होगी,
रोटी और रोज़गार के लिएजोखिम लेनी होगी। 
हाट्स्पाट के अलावा ज़िलेवारखोलने का निर्णय करें,
जनता करे पुलिस का सहयोगनियमों का पालन करे। 
अब सब मिल कर करें लड़ाईकरें ईश्वर में पूरा विश्वास,
प्रकृति का रक्षण करेंदो गज दूरी रखेंदिल से रहें पास। 



Sunday, April 26, 2020

Lockdown 2.0 Day 9-12 Apr 26, 2020

आज 1205 और कुल 22885 भोजन वितरण,
बारह दिन गुजरे हैं उन्नीस दिन का द्वितीय चरण। 
19 दिन!
अद्भुत ग्रन्थ भगवद्गीता सुनाया युद्धक्षेत्र मेंस्वयं भगवान श्री कृष्णा ने अर्जुन को!
वर्तमान में स्वामी रामसुखदास ने लिखाअनुपम टीका साधक संजीवनी को !!

नवम अध्याय राजविद्याराजगुह्ययोग मेंबढ़ता हैं भक्तियोग का प्रसंग,
भक्त प्रिय भगवान कोअतः यह उनकी मस्तीउनकी तरंग।  
मेरा होमुझमें मन लगासब कुछ मुझको कर दे अर्पण,
मेरे भक्त को पूर्ण बनाता मैंऔर करता योगक्षेम वहन। 
दशम अध्याय विभूतियोग मेंअपनी विभूति अर्जुन को सुनाते हैं,
जो कुछ तेज या विशेषता संसार मेंप्रभु उसे अपनी बतलाते हैं। 

एकादश अध्याय विश्वरूप्दर्शनयोगमें विराट रूप दिखाते वासुदेव,
अनंत ब्रह्मांड जिनके शरीर के एक देश मेंऐसे लोकमहेश्वर देवदेव। 
द्वादश अध्याय भक्तियोग अद्भुत कृपा है कृष्ण की यहाँ,
सर्वगुह्यतम भक्ति का विशद वर्णनगोविंद ने किया जहाँ। 
भक्त होता राग द्वेष से मुक्तनिर्वैरनिर्ममनिरहंकार,
सुख दुःखहर्ष शोक से मुक्तशत्रु मित्र पर करुणा अपार।

लॉक डाउन में ढील देने के लिएसभी दुकाने अब खोल रहे हैं। 
लेकिन क्या करना उचित या अनुचितअसमंजस में जी रहे हैं। 
प्लाज़्मा थेरेपीवैक्सीन की खोज का द्वितीय चरण आशा जगाते हैं। 
बढ़ती मौतें या संक्रमण के आँकड़े देखहम निराशा से भर जाते हैं। 
सेवासामाजिक दूरीसहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहितव्यस्त निरंतरना हो कभी निराश। 

Wednesday, April 22, 2020

Lockdown 2.0 Day 5-8 Apr 22.2020

आज 1120 और कुल 18280 भोजन वितरण,
आठ दिन गुजरे हैं उन्नीस दिन का द्वितीय चरण। 
19 दिन!
अद्भुत ग्रन्थ भगवद्गीता सुनाया युद्धक्षेत्र मेंस्वयं भगवान श्री कृष्णा ने अर्जुन को!
वर्तमान में स्वामी रामसुखदास ने लिखाअनुपम टीका साधक संजीवनी को !!

पंचम अध्याय कर्मसन्यासयोग में अर्जुन पुनः प्रश्न उठाते हैं!
कर्मयोग या कर्मसन्यास में क्या बेहतरस्पष्ट नहीं बतलाते हैं?
कर्मसन्यास से भगवानकर्मयोग को विशिष्ट बतलाते हैं। 
और अंत में कहते हैं किभक्त शांति को प्राप्त हो जाते हैं। 
षष्ठम् अध्याय ज्ञानविज्ञानयोग मेंअपने से अपने उद्धार का मार्ग बताते हैं। 
युक्त आहार विहार के साथ सधेऐसे ध्यानयोग का वर्णन करते हैं। 

सप्तम अध्याय आत्मसंयम योगकहा प्रभु ने स्वयं,
वासुदेव सर्वम इतिऐसा महात्मा मिलना है दुर्गम।
अर्थार्थीआर्तजिज्ञासु एवं ज्ञानीभक्त होते सभी उदार हैं। 
लेकिन गुणमयी दुरत्य माया सेकेवल शरणागत होते पार हैं। 
अष्टम अध्याय अक्षरब्रह्मयोग अधिदैवअधियज्ञ एवं अधिभूत का वर्णन है,
मृत्यु शय्या पर व्यक्ति को सुनाने सेउसे निश्चित सद्गति मिलेऐसा कथन है। 

लॉक डाउन का दूसरा चरणशनैः शनैः उद्योग खोल रहे हैं। 
आर्थिक गतिविधि चलेकोरोना रोग ना बढ़ेप्रयास कर रहे हैं। 
आज केंद्र सरकार का  गया है नया अध्यादेश
स्वास्थ्य दल पर हमला करने वाले कोकठोर दंड देगा देश। 

Saturday, April 18, 2020

Lockdown 2.0 Day 1-4 Apr 18, 2020

आज 1115 और कुल 13880 भोजन वितरण,
चार दिन गुजरे हैं उन्नीस दिन का द्वितीय चरण। 
19 दिन!
अद्भुत ग्रन्थ भगवद्गीता सुनाया युद्धक्षेत्र मेंस्वयं भगवान श्री कृष्णा ने अर्जुन को!
वर्तमान में स्वामी रामसुखदास ने लिखाअनुपम टीका साधक संजीवनी को !!
अर्जुन के रूप में हमारे दुःख का वर्णन हैप्रथम अध्याय अर्जुन विषादयोग में,
अपने को सही ठहराने के लिएसही दिखते तर्कों कोलाते हम प्रयोग में

शरीर मानो या स्वयं को आत्माकरो विवेक का उपयोग,
कर्तव्य का पालन करोव्यर्थ है चिंताव्यर्थ है शोक। 
मानव प्रकृति का विश्लेषणअधिकार है मात्र कर्म करने का। 
द्वितीय अध्याय सांख्य योगउपदेश दे रहा ज्ञान एवं विवेक का। 

कर्म करना है करने का वेग शांत करने के लिए,
प्राप्त परिस्थिति का सदुपयोग करने के लिए,
कर्म करने मेंकुछ भी अपने लिए नहींयही मूल सिद्धांत है।
तृतीय अध्याय कर्मयोग कहता कर्म ना करे वो  भ्रांत है।

चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्मसन्यासयोगकरता यह स्पष्ट है। 
जो आनंद पूर्वक कर्तव्य करेकभी नहीं होता भ्रष्ट है। 
कर्मयोग स्वतंत्र साधनकर्म से निवृत्ति के लिएकर्म का मार्ग है। 
इससे कालेनअवश्य ही प्राप्त होता तत्वगृहस्थ का यही मार्ग है। 

लॉक डाउन 2.0 उन्नीस दिन में हमें कुछ बेहतर दे जाए।  
इसके लिए आवश्यक हैहमारा पूर्ण सहयोग हो जाए।
मुक्त है जो गाँवशहर और जिले कोरोना से,
रहें मुक्त अब अगले माह ये सभी कोरोना से। 
आरोग्य सेतु का करें उपयोगना दें वायरस को आमंत्रण,
इसे बाहर रखें शहर की सीमा सेऐसी सुरक्षा से लड़ें यह रण।