१ अपना मूल्य समझो और विश्वास करो कि तुम संसार के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हो
२ अपने को मनुष्य बनाने का प्रयत्न करो, यदि इसमें सफल हो गए तो हर काम में सफलता मिलेगी
३ सद्ज्ञान और सत्कर्म यह दो ईश्वर प्रदत्त पंख है, जिनके सहारे स्वर्ग तक उड़ सकते है
४ गृहस्थ एक तपोवन है, जिसमे संयम, सेवा और सहिष्णुता की साधना करनी पड़ती है
५ प्रसन्न रहने के दो ही उपाय है, आवश्यकतायें कम करें और परिस्थितियों से तालमेल बिठायें
६ शालीनता बिना मोल मिलती है पर उससे सब कुछ ख़रीदा जा सकता है
७ मन का संकल्प और शरीर का पराक्रम यदि किसी काम में पूरी तरह लगा दिया जाये, तो सफलता मिलकर रहेगी
८ पुण्य की जड़ हरी रहती है और पातालतक जाती है, उसके सत्परिणाम जन्म-जन्मान्तरों तक उपलब्ध होते रहते है
९ सद्गुणों की खाद और सचाई का पानी पाकर व्यक्तित्व का पौधा विकसित होता है
१० धर्म को संकीर्णता के बाड़े में बंद न करें उसे व्यवहार में उतरने दें ताकि वह आपका व समाज का भला कर सके
Wednesday, September 8, 2010
Saturday, September 4, 2010
समग्र विचार मंच
शोक - सन्देश
श्री धीरेन्द्र बांठिया के आकस्मिक निधन से हम सभी समग्र विचार मंच के सदस्य स्तब्ध है और परम पिता परमात्मा से प्रार्थना करते है कि इस कठिन संकट की घडी में परिवार को धैर्य एवं शक्ति प्रदान करें | हम सभी मित्रगण आपके साथ हैं और आपको विश्वास दिलाना चाहते है कि धीरू भाई की याद हमारे दिलो में रची बसी है | हमारे प्रिय धीरू भाई एक स्वतंत्र एवं स्पष्ट विचारों के धनी व्यक्ति थे | उनका स्नेहपूर्ण व्यक्तित्व और दृढ निष्ठा हम सभी के लिए अनुकरणीय है | देश और समाज के प्रति उनका अदम्य प्रेम हमारे लिए सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा |
समस्त सदस्य
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