मेरे तो गुरुदेव एक बस, आप ही तारणहार।
भले बुरे की समझ भी नाही, ना आचार विचार,
भगति विरति माला जप नाही, एक आप आधार।
मेरे तो गुरुदेव एक बस, आप ही तारणहार।
पोथी पुराण ज्ञान कुछ नाही , ना प्रेम व्यवहार ,
सत रज तमस समझ कछु नाही , एक आप आधार।
मेरे तो गुरुदेव एक बस, आप ही तारणहार।
प्राण शक्ति और चिति शक्ति का, जानूँ नहीं व्यापार,
राम न देख्या, कृष्ण न देख्या, न देख्या सिरजनहार,
मेरे तो गुरुदेव एक बस, आप ही प्राणाधार ।
मेरे तो गुरुदेव एक बस, आप ही प्राणाधार ।
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