आज है तीसवाँ दिन, अनलॉक का प्रथम चरण,
प्रथम लॉकडाउन में पढ़ा, रामचरितमानस को,
द्वितीय में गीता की अद्भुत टीका, साधक संजीवनी को।
तृतीय का, उपयोग हुआ, भागवत पारायण में,
चतुर्थ का, सोलह अक्षर महामंत्र, के जप यज्ञ में।
अनलॉक के प्रथम चरण के ग्यारहवें दिन तक,
रामकथा का बालकाण्ड सुना विस्तार पूर्वक।
अगले नौ दिन अयोध्याकांड का, वर्णन प्रेमपूर्वक,
इक्कीसवें दिन सूर्य ग्रहण में किया राम नाम जप।
शेष नौ दिन में सुनी, शेष कथा श्रीराम की ,
अरण्यकांड में सीता हरण, लीला मनुज अवतार की।
किष्किन्धाकांड में मिले राम, अपने चिरसेवक हनुमान से,
सुग्रीव से की मित्रता, उपकृत किया बाली वध से।
सुंदरकांड में, लंका दहन, लीला है हनुमान की,
खोजते हैं, कहाँ सीता, प्रियतमा करुणानिधान की।
लंकाकांड में सेतु बांध, किया लंका पर आक्रमण,
कुम्भकर्ण, मेघनाद, रावण का वध, राज्य पाता है विभीषण।
पुष्पक विमान से प्रभु श्रीराम, अयोध्या आते हैं,
भरत के जीवन आधार, अवधपति बन जाते हैं।
उत्तरकांड में वर्णन है राम राज्य व राम के उपदेश का,
काकभूषण्डि एवं गरुड़ के, भक्तिमय संवाद का।
अनलॉक के प्रथम चरण में, कोरोना की जाँच बढ़ा रहे हैं।
इसके कारण संख्या में पॉज़िटिव केस भी बढ़ रहे हैं।
जून मास में चरम, लॉक डाउन के कारण नहीं आ पाया है,
अनलॉक का द्वितीय चरण 31 जुलाई तक बतलाया है।
कर्तव्य का पालन सदा, करो प्रभु का स्मरण,
रहो उत्साहित, दो गज दूरी, जीतेंगे कोरोना रण।