आज है द्वितीय दिन, अनलॉक का प्रथम चरण,
प्रथम लॉकडाउन में पढ़ा, रामचरितमानस को,
द्वितीय में गीता की अद्भुत टीका, साधक संजीवनी को।
तृतीय का, उपयोग हुआ, भागवत पारायण में,
चतुर्थ का, सोलह अक्षर महामंत्र, के जप यज्ञ में।
सोलह दिन सोलह माला जप सम्पन्न हुआ,
परिणाम में अगली साधना का मार्ग प्रशस्त हुआ।
अनलॉक के प्रथम चरण में, प्रारम्भ करेंगे सामूहिक साधना का,
सपरिवार अवगाहन करेंगे, नौ दिवसीय रामकथा का।
प्रतिदिन रामकथा का आनन्द, पंडित सतीश शास्त्री के श्रीमुख से,
सुनने के लिए कतिपय श्रोता, डूब जायेंगे अतुलित आनंद में।
ऐसे समय में परिवार के साथ कथा सुनने का सुअवसर,
यदि पाया किसी ने तो निश्चित ही उसका भाग्य है बेहतर।
अनलॉक कहने से लॉकडाउन में भी उत्साह मिल रहा है।
70 दिन बाद अब सबका मन घूमने के लिए मचल रहा है।
बस याद रहे कि ऐसा ना हो, कोई लापरवाही हो जाए।
आपके मिलने वालों की या आपकी, सिर्फ़ याद रह जाए।
याद रहे आपके परिवार के लिए, आप पूरी दुनिया है,
सरकार के लिए एक संख्या, सुरक्षित रहना ही बढ़िया है।
दो गज दूरी है ज़रूरी, और चेहरे पर आवरण,
बिना डर, पूरी सावधानी, जीतें कोरोना से रण।
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