Saturday, June 20, 2020

Unlock 1.0 Day 20 June 20, 2020

आज है बीसवाँ दिनअनलॉक का प्रथम चरण,

प्रथम लॉकडाउन में पढ़ारामचरितमानस को,

द्वितीय में गीता की अद्भुत टीकासाधक संजीवनी को। 

तृतीय काउपयोग हुआभागवत पारायण में,

चतुर्थ कासोलह अक्षर महामंत्रके जप यज्ञ में।


अनलॉक के प्रथम चरण के ग्यारहवें दिन तक,  

रामकथा का बालकाण्ड सुना विस्तार पूर्वक। 

अगले नौ दिन राज्याभिषेक  वनवास कावर्णन विस्तार से सुना,

रामकथा के परम पुनीत पात्र भरतके चरित्र का अवगाहन किया। 

अयोध्याकाण्ड में वर्णन छल कपटचाह मोह एवं नीति भक्ति का,

रावण के अत्याचार से निवारण हेतुभावी राजा के वनगमन का। 


धन परिवार और संसारमृत्यु के साथसब छोड़ देते हैं,

मृत्यु के बाद यश की चाह मेंमहापुरुष सबसे मुँह मोड़ लेते हैं। 

लेकिन कोई बिरले होते है जोकैकेयी के समान,

प्रभु श्रीराम की लीला हेतुअपयश भी ओढ़ लेते हैं। 

राम और भरत दोनो से प्रेम कियाअपने प्राण  के समान,

लेकिन राष्ट्रहित हेतुसहा समाज   पुत्र से अपमान।

रानी रूठेगीअपना सुहाग लेगीयह कहावत बन गई,

दासी मंथरा के साथ कैकेयी की अपकीर्ति अमर हो गई। 


भरत और राम का प्रेमलक्ष्मण और राम का स्नेह,

चारों भाई बने मिसालभरत और शत्रुघ्न का नेह। 

संसार में मनुष्य अवतार मेंप्रभु करते प्रेम लीला है।  

इसने ऋषियों के तप  ज्ञान का अभिमान छीना है।

भक्ति है सर्वोपरिभक्त को मिलता है परमानंद,

मिलने के लिए देह धरआते स्वयं सच्चिदानंद। 

उधर राम वनवास मेंलक्ष्मण  सीता के साथ,

इधर उर्मिला नींद मेंतपस्वी भरत शत्रुघ्न के साथ। 


अनलॉक के प्रथम चरण मेंसमूह प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही है,

व्यर्थ के लॉकडाउन सेअब इसमें और चरम सीमा में देरी लग रही है। 

जो गया सो गयाअब काम करो  सावधानी बरतो,

हमें विफल करने काचीनी प्रयास विफल कर दो। 

कर्तव्य का पालन सदाकरो प्रभु का स्मरण,

रहो उत्साहितदो गज दूरीजीतेंगे कोरोना रण। 

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