आज है ग्यारहवाँ दिन, अनलॉक का प्रथम चरण,
प्रथम लॉकडाउन में पढ़ा, रामचरितमानस को,
द्वितीय में गीता की अद्भुत टीका, साधक संजीवनी को।
तृतीय का, उपयोग हुआ, भागवत पारायण में,
चतुर्थ का, सोलह अक्षर महामंत्र, के जप यज्ञ में।
अनलॉक के प्रथम चरण में, रामकथा आयोजन हुआ।
परिवार के साथ नौ दिन, बालकाण्ड विस्तार से सुना।
रामजन्म के हेतु अपार, सुने उनमें से दो चार,
राम की बाललीला में,भक्त पाते सुख का संसार।
विश्वामित्र के साथ जाते हैं राम लक्ष्मण,
राक्षस संहार, अहिल्या उद्धार, प्रारम्भ लीला क्रम।
लक्ष्मण परशुराम संवाद, क्रोध का संयम दर्शाता है,
विनय और दृढ़ता से, संकट हल हो जाता है।
श्री राम जानकी विवाह अद्भुत लीला है प्रेम की,
देखने आते हैं समस्त देव, बजाते हैं दुंदुभि।
रामकथा सुनने से यदि तृप्ति हो जाए,
सम्भव है तभी जब, यह मन समझ न पाए।
अतः पुनः रामकथा का आयोजन, होगा कल से।
नौ दिन कथा, पंडित सतीश शास्त्री के श्रीमुख से,
अब आगे अयोध्याकाण्ड की कथा का विस्तार,
परिवार के साथ रामकथा सुनने का सुख अपार।
अनलॉक का प्रथम चरण अभी चल रहा है,
बढ़ता हुआ संक्रमण, विचलित कर रहा है,
राजस्थान की सीमा को सील कर दिया गया है,
सात दिन का समय अभी निश्चित किया गया है।
कुछ देशों में संक्रमण की गति घटने लगी है,
लेकिन लैटिन अमेरिका व भारत में बढ़ने लगी है।
समूह में विकसित हो कोरोना प्रतिरोधक क्षमता,
इसके मुक़ाबले का, एक यही उपाय हो सकता।
वैक्सीन से सबकी रक्षा निकट भविष्य में ना होगी,
रामनाम आधार जीवन का, प्रार्थना करनी होगी।
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