आज है अंतिम चौदहवाँ दिन, लॉकडाउन का चतुर्थ चरण,
प्रथम लॉकडाउन में पढ़ा, रामचरितमानस को,
द्वितीय में गीता की अद्भुत टीका, साधक संजीवनी को।
तृतीय का, उपयोग हुआ, भागवत पारायण में,
चतुर्थ का, सोलह अक्षर महामंत्र, के जप यज्ञ में।
नाम स्मरण कलियुग में सर्वोपरि साधन कहा जाता है,
प्रथम प्रयास में मन नहीं लगता, स्थिर नहीं हो पाता है।
लेकिन ध्यान रहे कि प्रयास व्यर्थ कभी नहीं जाता है,
अग्नि के पास आया पतंगा, भाव कुछ भी हो, आख़िर जल जाता है।
लॉकडाउन बहुत हुआ, अब अनलॉक का प्रथम चरण,
प्रात: पाँच बजे से रात्रि नौ बजे तक, बाहर रह सकेंगे जन।
खुलेंगे होटल, रेस्टोरेंट, माल और बाक़ी सभी,
कैसे रूकेगा कोरोना, पकड़ेगा कभी न कभी।
दो गज दूरी है ज़रूरी, और चेहरे पर आवरण,
बिना डर, पूरी सावधानी, जीतें कोरोना से रण।
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