21 दिन!
आज तीसरा दिन है !
रामचरितमानस का पाँचवाँ एवं छटा मासपारायण,
रामावतार के कारण अनेक,
उनमें से वर्णित कुछ एक,
नारद ऋषि को व्यापी माया,
प्रतापभानु ने विप्रों को, भूसुर मांस खिलाया,
शाप मिला, भगवान विष्णु को मानव देह,
नारी विरह और वानर सहायता का,
राजा प्रतापभानु को शाप मिला,
सपरिवार राक्षस जन्म लेने का।
मनु शतरूपा को मिला वरदान,
परब्रह्म को पुत्र रूप में पाने का,
विप्र धेनु सुर संत हित,
लिया प्रभु ने निर्णय स्वयं पृथ्वी पर आने का !
लॉक डाउन की सफलता के लिए भी,
आवश्यक है जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति,
लेकिन इसके लिए मंडियाँ खोलनी होगी,
फल सब्ज़ी, धान एवं अनाज की!
वयस्था करनी होगी ट्रक से माल ढुलाई की,
इसी का परिणाम होगा, लॉकडाउन की विफलता भी !
चाहिए सामाजिक दूरी, सहयोग सभी NGO का,
अनुशासन व शिक्षण हो समाज के हर व्यक्ति का,
और कोई राह अभी है नहीं,
स्व-अनुशासन की हमारी प्रकृति नहीं ?
फिर क्या करें? सिवाय प्रतीक्षा के,
नहीं, घर पर बिठाने की अपेक्षा जनसहयोग लें!
हर व्यक्ति ज़िम्मेदारी ले, सामाजिक दूरी की,
काम करें भले कम, समझे वक्त की मजबूरी भी।
राज्य की सीमा पार ना करे कोई,
जाँच करो विदेश से आए व्यक्ति व परिवार की ,
चाहे लक्षण ना मिले कोई।
तापमान जाँच के लिए scanner लगायें हर जगह,
जैसे रखवाए थे dustbin, पहले हर जगह।
सभी संदिग्ध लोगों की निरंतर जाँच हो,
लॉक डाउन नहीं, दूरी का सम्मिलित प्रयास हो !
रहो निश्चिन्त, उत्साहित, करो सहयोग,
परमात्मा करेंगे कृपा, होगा दूर यह रोग !
No comments:
Post a Comment