21 दिन!
आज चौथा दिन है !
रामचरितमानस का सातवाँ एवं आठवाँ मासपारायण,
राम जन्म, बाललीला,
विश्वामित्र के साथ जनकपुरी आगमन,
पुष्पवाटिका में सीता एवं राम का प्रथम मिलन!
यह कैसा लॉकडाउन ?
हज़ारों प्रवासी मज़दूर कर रहे पलायन,
जाना चाहते हैं सभी अपने गृहनगर या गाँव को,
मरना ही है तो क्यों न अपने घर,
अपनों के बीच, जाकर मरें।
यहाँ जब काम नहीं, मज़दूरी नहीं,
अब रूकने का कोई लाभ नहीं।
हज़ार पंद्रह सौ किलोमीटर चल पाएँगे क्या ?
बच्चों के साथ , राह में चल रहे लंगर के सहारे!
मन में रहे उत्साह, परमात्मा के प्रति अगाध विश्वास,
हम सब होंगे कामयाब, और देंगे एक दूजे का साथ।
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