Sunday, March 29, 2020

Lockdown Day 5 Mar 29,2020

21 दिन!
आज पाँचवाँ दिन है !
रामचरितमानस का नवाँ  दसवाँ मासपारायण।
धनुष भंग और सीता ने पहनाईवरमाला राम को,
लेकिन समाचार ने क्रोधित कियापरशुराम को,
लक्ष्मण के व्यंगबाण क्रोध को बढ़ा देते हैं,
लेकिन राम के विनय से मुनि शीतल हो जाते हैं। 
दशरथ हर्षित हुए समाचार सब पाकर,
चल दिए जनकपुरी कोबारात सजा कर। 

लॉकडाउन से पीड़ा बढ़ गयीगरीब मज़दूरों की,
यह बीमारी तो थीविदेश घूमने वाले अमीरों की,
फ़ैक्टरी बंद हुईकामगार दर बदर हुआ,
चल दिया घर कोअब कहीं का ना रहा। 
एक बेचारा दो सौ किलोमीटर चल कर गिर गया,
सबने कहाहृदयाघात से मर गया। 
भूखे पेट वह चलता रहा दिल्ली से आगरा तक,
जब थकाअस्सी किमी शेष रहे तब तक।

कोरोनावायरस तो शायद जवान को बचा देता है,
भुखमरीग़रीबी का रोगसभी को मार देता है। 
हल होना है सीमा को सील करने से,
राज्यक़िलाशहर और हर ग्राम में,
हर नागरिक का लेना होगा सहयोग,
लॉकडाउन नहींकाम के लायक़ ये लोग।  
सामाजिक दूरी सिखलाए हर नागरिक,
जीवन जिएऔर काम करेप्रत्येक नागरिक। 

इन हालात में भी बचेंगेदिहाड़ी के ये मज़दूर,
क्योंकि ईश्वर भी है इनके विश्वास से मजबूर। 
इस देश के लोगों की रक्षा करेंगे श्री भगवान ,
हैं समर्थकर विश्वासउनको अपना मान। 

No comments:

Post a Comment