Friday, March 20, 2020

Janta Curfew Mar 22, 2020

*मुझे कहा है १४ घंटे, *
मैं तो  जाऊँगा शनिवार को  बजे घर पे,
और रहूँगा सोमवार को सुबह  बजे तक घर में।
तोड़ दूँगा क़ोरोनावायरस की चैन को,
करूँगा मुक्त इससे अपने भारत देश को।
मर जाएगा यह हर जगह पड़ा हुआ ख़ुद से ही,
और बच जाएँगे मेरे देशवासी इस क़हर से जी।
क्या होगा यदि,
एक दिन घरवालों को थोड़ा प्यार कर लूँगा,
अपने माँ बाप से पुरानी बातें ताज़ा कर लूँगा,
एक दिन कुछ बनाकर पत्नी को खिला दूँगा,
पुरानी किताबों की धूल हटा कर कुछ पढ़ लूँगा !
रविवार शाम पाँच बजेदेश में उठेगा शब्द घोष,
जो गुंजा देगा दिशाओं कोजागेंगे आशुतोष,
कर देंगे संहार इस क़ोरोनावायरस का,
हम तोड़ देंगे इसकी चैनअब है सबके बस का। 
हो सकता है इस रक्तबीज के लिए फिर फिर लड़ना पड़े
हमारी शक्ति को जगाकर हम काली का रूप धारण करें। 
एक एक मरीज़ या संदिग्ध को एकांत में रखना होगा ,
इसका विस्तार अब भारत में पूरी तरह रोकना होगा। 
मुझे कुछ नुक़सान भी होतो उसकी अब  परवाह नहीं,
अपने देशवासियों केजीवन से बड़ी कोई चाह नहीं। 

Rajasthan Lockdown - Day 2 March 24
भयंकर है विनाश की शुरुआत,
हे अभयंकरहम क्यों है आर्त?
आप का बनाया मानव , प्रकृति और वायरस,
क्यों नहीं रह पाते हैंसह-अस्तित्व में समरस !
उत्तर  भी गया !
शुरुआत तूने की है मानव
प्रकृति संवारती हैसब जीवों को माँ की तरह ,
बस मानव ही नष्ट कर रहा,
अपनी ही माँ प्रकृति को दानव की तरह !
केवल तुम्हारे शांत होने से सब खिल जाता है ,
तुम्हारा ‘विकास’ ही इस विनाश को लाता है। 
तुम अभी भी जागोजियो सबके साथ,
लेकिन उससे पहले रह लोपरिवार के साथ !
जिनको अपना कहते होउनके लिए जी लो,
अहंकार को छोड़ोअपना कर्तव्य पूरा कर लो। 

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