आज है आठवाँ दिन, लॉकडाउन का तृतीय चरण,
भागवत का सप्ताह पारायण, हुआ चतुर्थ दिन,
पढ़ रहा हिंदी अनुवाद , एक पारायण में दो दिन।
प्रथम लॉकडाउन में पढ़ा, रामचरितमानस को,
द्वितीय में गीता की अद्भुत टीका साधक संजीवनी को।
तृतीय का उपयोग हो रहा है भागवत पारायण में,
भगवान की लीलाओं से, आनंद अंतःकरण में।
अष्टम स्कंध में वर्णित समुद्र मंथन, दैत्य व देवोंके सहयोग से,
चौदह रत्न, लक्ष्मी विष्णु को, हलाहल विष पिया शिव ने।
कच्छप अवतार लिया विष्णु ने, मंदराचल पर्वत थामने के लिए,
विष्णु के मोहिनी अवतार ने छल से अमृत छीना देवों के लिए।
देवासुर संग्राम में दिखाया देवों एवं दानवों ने अद्भुत पराक्रम,
वामन अवतार लिया विष्णु ने, क्योंकि दानव पालन कर रहे धर्म।
उदारता की सीमा निश्चित कर दी, दानवराज बलि ने,
शत्रु के प्रति वचन का पालन, शाप दिया व्यथित गुरु ने।
मत्स्य अवतार से प्रलय के अंत में बीज रूप सृष्टि की रक्षा हुई,
ब्रह्मा की रात्रि व्यतीत हुई, पुनः सृष्टि रचना प्रारम्भ हुई।
नवम स्कंध में महान भक्त अंबरीष से कुपित हुए दुर्वासा ऋषि,
पासा उल्टा पड़ा, ब्रह्मा, रुद्र, इंद्र, विष्णु लोक, कहीं ना बच पाए ऋषि।
आख़िर भक्त की शरण में दुर्वासा की रक्षा हुई।
सुदर्शन चक्र से प्रार्थना जब स्वयं भक्त ने की।
इक्ष्वाकु वंश में हुए भागीरथ, गंगा लाए सगर पुत्रों के उद्धार हेतु,
इसी वंश में अवतरित हुए, भगवान श्रीराम राक्षसों के वध हेतु !
चंद्रवंश को ही कहा यदु वंश, माधव वंश और वृष्णि वंश,
अवतरित हुए पूर्ण अवतार श्री कृष्ण, निमित्त बन गया कंस।
लॉकडाउन का क्या करें, चर्चा देश व राज्य के मुखिया कर रहे हैं,
गरीब, मज़दूर, धारावी के बाशिंदे, भुखमरी से अधिक डर रहे हैं।
पूरी दुनिया में कोरोना फैल रहा या थम रहा है,
या लॉकडाउन से थमने का भ्रम फैल रहा है ?
सब चाहते हैं रोग से बचना, सब चाहते हैं काम,
क्या ऐसे समय में भी रक्षा नहीं करता राम नाम ?
करने में सावधानी, होने में प्रसन्नता,
प्रभु परायण होकर, धारण करो समता।
No comments:
Post a Comment