आज है दूसरा दिन, लॉकडाउन का तृतीय चरण,
जीवन का अर्धशतक, चल रहा कोरोना से रण।
भागवत के सप्ताह पारायण का, हुआ प्रथम दिन,
कर लूँगा दो सप्ताह में, एक पारायण में दो दिन।
जन्मदिवस के 40 दिन पहले देश में लॉकडाउन,
ऑफ़िस में छुट्टी भले, पर स्वयं का हो संवर्धन,
प्रथम लॉकडाउन में पढ़ा, रामचरितमानस को,
द्वितीय में गीता की अद्भुत टीका साधक संजीवनी को।
तृतीय का उपयोग हो रहा है भागवत पारायण में,
ईश्वर कृपा से लाभ होता है, गृह वातावरण में।
भागवत माहात्म्य में गोकर्ण कथा से यह समझाया गया,
भागवत जीवित को सदा मुक्त करे, प्रेत भी मुक्त हो गया।
प्रथम स्कंध में पांडव, कृष्ण और परीक्षित का वर्णन,
परीक्षित मुक्त हो सात दिन में, इसके लिए कथा का उपक्रम।
द्वितीय स्कंध में सृष्टि रचना, काल गणना और विराट पुरुष का वर्णन,
सृष्टि की रचना करते ब्रह्मा, लेकिन उरप्रेरक हैं स्वयं नारायण।
तृतीय स्कंध में ब्रह्मा की सृष्टि का, दस रूपों में होता विस्तार,
मनु और शतरूपा के शासन के लिए, रसातल से आवश्यक पृथ्वी का उद्धार,
विष्णु पार्षद जय विजय का दैत्य हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु के रूप में अवतार,
लाते पृथ्वी को अपनी दाढ़ों पर, करके हिरण्याक्ष बध,श्री विष्णु के वाराह अवतार ।
कर्दम और देवहूति के विवाह के साथ होता है प्रथम दिन का समापन,
देवहूति के गर्भ से कलावतार कपिल मुनि का होगा अवतरण।
लॉकडाउन 3.0 में खुल सकते हैं, कार्यालय पूरे देश में,
लेकिन शराब की दुकानों पर, लग रही भीड़ हर प्रदेश में।
14 दिन का तीसरा लॉकडाउन, क्या 40 दिन के लाभ को खो देगा ?
या इस देश का आम आदमी, मास्क पहनकर दो गज दूरी रख लेगा ??
सोचो सब, कैसे हो हल, सहयोग होना चाहिये,
देश में नियंत्रित अब, कोरोना रोग होना चाहिये।
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