Sunday, May 17, 2020

Lockdown Diary Apr 24-May 17, 2020

1st Day
21 दिन !
हाँ 21 दिन ,
ऐसा लगता है,
शायद,
21 महीने पीछे चले जाएँगे ,
लेकिन यदि नहीं किया लॉक डाउन ,
तो हम,
21 साल पीछे चले जाएँगे।
इसलिए समझ लो कि,
देश के मुखिया ने सही निर्णय लिया है,
और करो सहयोग बड़-चढ़कर,
घर पर रह कर, कमजोर का सहयोग कर,
संसाधनों का समुचित उपयोग कर !
नहीं मिला था हमें मौक़ा,
आज़ादी की लड़ाई लड़ने का,
लो आज आया है मौक़ा,
21 दिन सहयोग करने का,
हो जाओ शांत, करो प्रार्थना, करो सहयोग,
करो प्रयास कि,
दूर रहे, हम सबसे कोरोना वायरस का रोग !

2nd Day
और देश में लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए,
अभी तक हमारा पूरा नहीं प्रयास,
जनता और पुलिस का प्रशिक्षण करने का,
मीडिया भी नहीं कर रहा प्रयास !
यदि असफल रहा लॉक डाउन,
हम आर्थिक रूप से भी होंगे विफल,
चीन के नापाक इरादे हो जाएँगे,
फिर दुनिया में सफल !

हॉंगकॉंग का बदला चीन दुनिया से ले रहा,
वुहान से कोरोनावायरस बीजिंग नहीं,
लेकिन इटली और अमेरिका पहुँच रहा।
यदि यही रहा दुनिया का हाल,
और मौतें हुई दस लाख,
तीन साल में जब संभलेगा संक्रमण,
चीन में होगा, ख़ुद की ही धरती से आक्रमण ।

अभी तो बस इतना सोचो,
इस महामारी का विस्तार रोको,
अपने जीवन का करो अध्ययन,
न्यूनतम साधन से करो जीवनयापन ,
अगले तीन साल के लिए चिंतन करो,
परिवार व स्वयं को प्रथम रखो,
धन का अवमूल्यन यह सिखा रहा,
परिवार में प्रेम, स्नेह का पाठ पढ़ा रहा।

उत्साह में कमी जरा ना आए,
प्रार्थना, प्रेम और अनुशासन बढ़ता जाए,
विजयी हम होंगे निश्चित ही,
बेहतर मनुष्य बनेंगे 21 दिन में जी।

3rd Day
लॉक डाउन  की सफलता के लिए भी,
आवश्यक है जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति,
लेकिन इसके लिए मंडियाँ खोलनी होगी,
फल सब्ज़ी, धान एवं अनाज की!
वयस्था करनी होगी ट्रक से माल ढुलाई की,
इसी का परिणाम होगा, लॉकडाउन की विफलता भी !

चाहिए सामाजिक दूरी, सहयोग सभी NGO का,
अनुशासन व शिक्षण हो समाज के हर व्यक्ति का,
और कोई राह अभी है नहीं,
स्व-अनुशासन की हमारी प्रकृति नहीं ?
फिर क्या करें? सिवाय प्रतीक्षा के,
नहीं, घर पर बिठाने की अपेक्षा जनसहयोग लें!
हर व्यक्ति ज़िम्मेदारी ले, सामाजिक दूरी की,
काम करें भले कम, समझे वक्त की मजबूरी भी।

राज्य की सीमा पार ना करे कोई,
जाँच करो विदेश से आए व्यक्ति व परिवार की ,
चाहे लक्षण ना मिले कोई।
तापमान जाँच के लिए scanner लगायें हर जगह,
जैसे रखवाए थे dustbin, पहले हर जगह।
सभी संदिग्ध लोगों की निरंतर जाँच हो,
लॉक डाउन नहीं, दूरी का सम्मिलित प्रयास हो !

रहो निश्चिन्त, उत्साहित, करो सहयोग,
परमात्मा करेंगे कृपा, होगा दूर यह रोग !

4th Day
यह कैसा लॉकडाउन ?
हज़ारों प्रवासी मज़दूर कर रहे पलायन,
जाना चाहते हैं सभी अपने गृहनगर या गाँव को,
मरना ही है तो क्यों न अपने घर,
अपनों के बीच, जाकर मरें।
यहाँ जब काम नहीं, मज़दूरी नहीं,
अब रूकने का कोई लाभ नहीं।
हज़ार पंद्रह सौ किलोमीटर चल पाएँगे क्या ?
बच्चों के साथ , राह में चल रहे लंगर के सहारे!

मन में रहे उत्साह, परमात्मा के प्रति अगाध विश्वास,
हम सब होंगे कामयाब, और देंगे एक दूजे का साथ।

5th Day
लॉकडाउन से पीड़ा बढ़ गयी, गरीब मज़दूरों की,
यह बीमारी तो थी, विदेश घूमने वाले अमीरों की,
फ़ैक्टरी बंद हुई, कामगार दर बदर हुआ,
चल दिया घर को, अब कहीं का ना रहा।
एक बेचारा दो सौ किलोमीटर चल कर गिर गया,
सबने कहा, हृदयाघात से मर गया।
भूखे पेट वह चलता रहा दिल्ली से आगरा तक,
जब थका, अस्सी किमी शेष रहे तब तक।

कोरोनावायरस तो शायद जवान को बचा देता है,
भुखमरी, ग़रीबी का रोग, सभी को मार देता है।
हल होना है सीमा को सील करने से,
राज्य, जिला, शहर और हर ग्राम में,
हर नागरिक का लेना होगा सहयोग,
लॉकडाउन नहीं, काम के लायक़ ये लोग।
सामाजिक दूरी सिखलाए हर नागरिक,
जीवन जिए, और काम करे, प्रत्येक नागरिक।

इन हालात में भी बचेंगे, दिहाड़ी के ये मज़दूर,
क्योंकि ईश्वर भी है इनके विश्वास से मजबूर।
इस देश के लोगों की रक्षा करेंगे श्री भगवान ,
हैं समर्थ, कर विश्वास, उनको अपना मान।

6th Day
लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए कर रही सरकार प्रयास,
चलते जा रहे भूखे मज़दूरों के लिए, बनाए जा रहे अस्थाई आवास।
पंजाब एवं उत्तरप्रदेश, चालू कर रहे कुछ उद्योग,
राजनीति भी हो रही, बढ़ रहा कोरोना का रोग।

रोग प्रतिरोधक क्षमता जगा रही कुछ आस,
भारत में न फैले संक्रमण, है यही प्रयास।
दान करें, सेवा करे, अनावश्यक ना निकले बाहर,
सुरक्षित घर में रहे, ना डिगने पाए हमारा विश्वास!

7th Day
मानव अपने मन में, सालों का भविष्य बुन लेता है,
नॉवल कोरोना वायरस, सब चौपट कर देता है।

लॉकडाउन करने के बाद भी, हो रहे सारे प्रयास,
मज़दूरों का सड़क पर, प्रवाह कम हुआ आज।
लेकिन पूरी दुनिया में, पॉज़िटिव केस और मौतें,
थम ना रही, और बढ़ रही, सभी देशों में मौतें ।
परमात्मा ही लगायें पार, यही है अब आस,
रख कर विश्वास, कर रहा मानव पूरा प्रयास।

8th Day
तबलीगी जमात ने मचा दिया कोरोना कोहराम,
चाहे राखे अल्लाह, चाहे रक्षा करे राम।
यह संक्रमण ना बदले सामाजिक संक्रमण में,
कर रही सरकार यही प्रयास, इस कोरोना रण में।
दुनिया में मौतों की संख्या और संक्रमण बढ़ रहा,
नापाक चीन अपने व्यापार के अवसर ढूँढ रहा।

प्रकृति का अपने सुधार का, यह अनूठा प्रयास,
मानव हो मानो वायरस, कर रही प्रकृति उपहास।
मानव के लॉकडाउन होने से, बाहर सब सुंदर है,
मानो प्रकृति कह रही, मुझे नहीं, तुझे ज़रूरत है।
तू समझ मेरे दुलार को, आनंद कर मेरी गोद में,
छोड़ शोषण, पुत्र मेरे,  भर दूँगी तेरा मन मोद से।

9th Day
लॉक डाउन  के मध्य, तबलिगी जमात और धर्म,
बढ़ रहे कोरोना के मरीज़, गुनाह कर रहे बेशर्म,
देशवासी जो, स्वास्थ्य रक्षक पर हमला करते हैं,
इन देशद्रोहियों का रक्षण, राजनीतिज्ञ करते है !
अब बहुत हुआ, निश्चित है समय जागरण का,
बस जीत हो परिणाम, कोरोना से हमारे रण का !
या अल्लाह, या मौला, या कहो जय श्री राम,
करो विश्वास, हो कृपा, पूर्ण होंगे सारे काम।

10th Day
लॉक डाउन के बाद भी, कोरोना रोगी बढ़ रहे,
लेकिन इसके बिना क्या हो, नहीं समझ पा रहे।
सीमा बंद करनी होगी, हर देश, राज्य, जिले व ग्राम की,
क्वॉरंटीन करके ही, रक्षा होगी, अब मानव के स्वास्थ्य की।
इसमें भी अनेक समस्याओं का, सामना करना होगा,
लेकिन इसके बिना इस समस्या का, हल भी नहीं होगा।

प्रधानमंत्री ने पाँच अप्रेल को किया है, प्रकाश पर्व का आह्वान,
ईश्वर पर विश्वास कर, जीने के लिए सरकार की सलाह मान।

11th Day
लॉक डाउन करे या ना करे, दुनिया में अब विवाद का विषय नहीं,
कितने समय के लिए, किस तरह से करें, विचार का विषय यही।
लेकिन लॉक डाउन अभी भेड़ चाल जैसा उपाय है,
अभी नहीं,  बर्बादी देरी से, सरकारें निरुपाय है।
सामाजिक दूरी हमारा स्वभाव बने,
आवश्यकता आधारित जीवन बने,
प्रकृति का शोषण नहीं, आदर करें,
जीवों से सहानुभूति से व्यवहार करे।

विश्वास रखें, सर्वशक्तिमान परमात्मा का,
साधनो की सीमा है, मार्ग है प्रार्थना का।
साधन जुटाते रहें, प्रयत्न करते रहें,
कर्तव्य पालन हेतु, विश्वास बना रहे।

12th Day
लॉक डाउन कब ख़त्म होगा, व्याप्त है यही संशय,
ख़त्म हो चरणबद्ध, वरना क्या होगा, यह है भय।
हर समर्थ व्यक्ति को राष्ट्र का आह्वान यही है,
लॉक डाउन हो भले, आपका योगदान ज़रूरी है।
शोध करो, दान करो, जागृति फ़ैलाओ समाज में,
निरंतर प्रयास करो,अवसाद-भ्रम न हो समाज में।

संख्या बढ़े संक्रमण की, या भले ही मृत्यु की,
तुम्हारा विश्वास ना डिगे, जीत ना हो मृत्यु की।
उत्साह हमारा आज प्रकाश पर्व में प्रकाशित हो,
सामाजिक दूरी से निश्चित, कोरोना पराजित हो।
हम सभी हैं साथ - साथ, विश्व को दिखा देना है,
जगत् बढ़े साथ-साथ,विश्व बंधुत्व सिखा देना है।

13th Day
लॉक डाउन में रहते हुए यदि लगता है, काम नहीं,
बन जाओ स्वयं सेवक, काम नहीं सेवा ही सही।
अपने सामर्थ्य का उपयोग करो,
नव कौशल का विकास करो,
नव उत्साह का संचार करो,
जीवन जियो, मत सोच करो।
सब कुछ करने के लिए चाहिए विश्वास,
जिसे कहे प्रभु का विश्वास, वही आत्मविश्वास।

14th Day
लॉक डाउन में सरकार चाहती है, हर कोरोना मरीज़ की पहचान,
कुल नाए मरीज़ों में आधे मरीज़, तबलिगी जमात से, यह अनुमान।
लेकिन छिपकर मस्जिदों में, ये क्यों फैला रहे रोग ?
इतनी दुष्टता, इतना डर, कोरोना है या मानसिक रोग ??

कष्ट और प्रतिकूलता में भी, उत्तरदायित्व नहीं भूलते हैं,
अमेरिका की अपील पर, औषध भी निर्यात करते हैं।
दधीचि का देश यह, विश्व का नेतृत्व कर सकता है,
लेकिन ईश्वर या अल्लाह के फ़ेर में चूक सकता है।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।

15th Day
लॉक डाउन और बढ़ेगा, ऐसा सबको लगता है,
लेकिन हल कब निकलेगा, कोई नहीं जानता है।
ऐसे भ्रम और संशय में जो विश्वास रखता है,
इहलोक और परलोक में काम उसी का बनता है।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।

16th Day
लॉक डाउन का क्या करें, हॉट स्पॉट सील करें ?
अर्थव्यवस्था धीमी हो रही, कैसे नियंत्रण करें ??
जमात का ज़िक्र,  क्यों हो रहा है आँकड़ो में,
क्यों न हो, जब तीस प्रतिशत जुड़े है जमात से,
ऐसे उन्माद और साम्प्रदायिकता से बचना होगा,
प्रेम, धर्म और विश्वास से, जीवन रक्षित होगा।

17th Day
कोरोना का क्या करें, आप भी ज़रा सोचिए,
कठिन समय में, कोशिश करके कुछ कीजिए।
पंजाब और उड़ीसा ने लॉक डाउन बढ़ा दिया है,
सब जगह बढ़ेगा, यह विचार सबको आ गया है।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।

18th Day
लॉक डाउन पर संशय आज भी बरकरार रहा,
महाराष्ट्र, पंजाब, ओड़िशा में 30 अप्रेल  हुआ।
दिल्ली, प० बंगाल व राजस्थान तथा तेलंगाना,
चाहते हैं केंद्र से हो घोषणा, सबका कहना माना।
प्रधानमंत्री भी शायद ऐसा ही चाहते हैं,
लेकिन उद्योग गति पकड़े, ऐसा भी चाहते हैं।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।

19th Day
लॉक इन या लॉक डाउन, कुछ भी हो, ऐसा हो,
कोरोना हमसे डरे, उसे फैलने की जगह ना हो,
अमेरिका, इटली, स्पेन, फ़्रांस, चीन और ईरान,
योरोप के अनेक देश, क्या सब हार लेंगे मान ?
जीतेंगे हम कोरोना से, मानव का यही इतिहास,
हर परिस्थिति से आगे आया, कभी न खोई आस।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।

20th Day
लॉक डाउन में कोरोना की सीमा सील करनी थी,
राजस्थान ने भीलवाड़ा में मिसाल पेश कर दी थी,
हाय ! जयपुर के लिए दैव क्यों विपरीत हो रहा ?
कुआरंटिन करने के लिए, रामगंज को फैला रहा,
क्यों बाहर कॉलोनी में ले जा रहे हो, संदिग्धों को,
जलेब चौक,पुरानी विधानसभा में रखो सब को।
शहर के भीतर भी होटल और विद्यालय अनेक हैं,
सील सीमा से, बाहर न निकालो, नियम एक है।

अभी भी हम सामाजिक संक्रमण से कुछ दूर हैं,
लेकिन शीघ्र ही वहाँ होने की संभावना भरपूर है।
एक और दौर लॉक डाउन का, इसे धीरे कर देगा,
यदि इसे आना भी है,  देश तैयारी तो कर लेगा।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।

21st Day
लॉक डाउन तीन मई तक, बढ़ा दिया गया है ,
उन्नीस दिन आपको अवसर दिया गया है।
रोक सको तो रोक लो, इस कोरोना संक्रमण को,
शांत रहकर, बिना लड़े ही जीत लोगे इस रण को,
बीस अप्रेल को, जब करे समीक्षा सरकार,
तुम्हारा क्षेत्र खुल सके, प्रयास यही हो इस बार।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।

25th Day (2.0 Day 1-4)
लॉक डाउन 2.0 उन्नीस दिन में हमें कुछ बेहतर दे जाए।
इसके लिए आवश्यक है, हमारा पूर्ण सहयोग हो जाए।
मुक्त है जो गाँव, शहर और जिले कोरोना से,
रहें मुक्त अब अगले माह ये सभी कोरोना से।
आरोग्य सेतु का करें उपयोग, ना दें वायरस को आमंत्रण,
इसे बाहर रखें शहर की सीमा से, ऐसी सुरक्षा से लड़ें यह रण।

29th Day (2.0 Day 5-8)
लॉक डाउन का दूसरा चरण, शनैः शनैः उद्योग खोल रहे हैं।
आर्थिक गतिविधि चले, कोरोना रोग ना बढ़े, प्रयास कर रहे हैं।
आज केंद्र सरकार का आ गया है नया अध्यादेश
स्वास्थ्य दल पर हमला करने वाले को, कठोर दंड देगा देश।

33rd Day (2.0 Day 9-12)
लॉक डाउन में ढील देने के लिए, सभी दुकाने अब खोल रहे हैं।
लेकिन क्या करना उचित या अनुचित, असमंजस में जी रहे हैं।
प्लाज़्मा थेरेपी, वैक्सीन की खोज का द्वितीय चरण आशा जगाते हैं।
बढ़ती मौतें या संक्रमण के आँकड़े देख, हम निराशा से भर जाते हैं।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।

37th Day (2.0 Day 13-16)
लॉकडाउन  से हम कोरोना रोगी की संख्या कम करने में कामयाब हुए हैं,
क्या अब यदि बढ़े मरीज़, तो हमारे अस्पताल तैयार हो गए हैं ?
अग्नि परीक्षा के लिए हमें कमर कसनी होगी,
रोटी और रोज़गार के लिए, जोखिम लेनी होगी।
हाट्स्पाट के अलावा ज़िलेवार, खोलने का निर्णय करें,
जनता करे पुलिस का सहयोग, नियमों का पालन करे।
अब सब मिल कर करें लड़ाई, करें ईश्वर में पूरा विश्वास,
प्रकृति का रक्षण करें, दो गज दूरी रखें, दिल से रहें पास।

40th Day (2.0 Day 16-19)
सरकार ने लॉक डाउन  3.0 लागू कर दिया है 14 दिन के लिए,
निर्णय अब आपके हाथ में, कैसे संक्रमण से बच कर जिएँ।
फिर से पुनर्जीवित करें, देश की अर्थव्यवस्था,
सुरक्षित दूरी हर समय, बनाए रखने की व्यवस्था।
अब सब मिल कर करें लड़ाई, करें ईश्वर में पूरा विश्वास,
प्रकृति का रक्षण करें, दो गज दूरी रखें, दिल से रहें पास।

42nd Day (3.0 Day 1-2)
लॉकडाउन 3.0 में खुल सकते हैं, कार्यालय पूरे देश में,
लेकिन शराब की दुकानों पर, लग रही भीड़ हर प्रदेश में।
14 दिन का तीसरा लॉकडाउन, क्या 40 दिन के लाभ को खो देगा ?
या इस देश का आम आदमी, मास्क पहनकर दो गज दूरी रख लेगा ??
सोचो सब, कैसे हो हल, सहयोग होना चाहिये,
देश में नियंत्रित अब, कोरोना रोग होना चाहिये।

44th Day (3.0 Day 3-4)
अर्थव्यवस्था में हम प्रगति के मार्ग खोज रहे हैं,
शराब, डीज़ल और पेट्रोल पर टैक्स बढ़ा रहे हैं।
लेकिन कोरोना रोगी अब तेज़ी से बढ रहे हैं,
लॉक डाउन पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहे हैं।
सावधानी रखनी होगी, काम भी करना होगा,
अब कोरोना के साथ, जीना सीखना होगा।

46th Day (3.0 Day 5-6)
लॉकडाउन में मज़दूरों के लिए समस्या ख़त्म होती नहीं,
अब संक्रमित जवानों की संख्या भी निरंतर बढ़ रही।
कुछ शहर अब काम करने पर ध्यान दे रहे है,
कुछ भारतीय भी विदेश से भारत आ रहे हैं।
अब हमें दूरी के साथ कार्य करना सीखना होगा,
कोरोना ख़त्म जब हो तब हो, साथ जीना होगा।

48th Day (3.0 Day 7-8)
लॉकडाउन का क्या करें, चर्चा देश व राज्य के मुखिया कर रहे हैं,
गरीब, मज़दूर, धारावी के बाशिंदे, भुखमरी से अधिक डर रहे हैं।
पूरी दुनिया में कोरोना फैल रहा या थम रहा है,
या लॉकडाउन से थमने का भ्रम फैल रहा है ?
सब चाहते हैं रोग से बचना, सब चाहते हैं काम,
क्या ऐसे समय में भी रक्षा नहीं करता राम नाम ?
करने में सावधानी, होने में प्रसन्नता,
प्रभु परायण होकर, धारण करो समता।

50th Day (3.0 Day 9-10)
लॉकडाउन में जब सुना प्रधानमंत्री का सन्देश,
आश्वासन और लॉकडाउन, क्या करेगा देश ?
कैसे खोलें लॉकडाउन, विचार यह चल रहा है,
लगाना आसान, खोलना मुश्किल पड़ रहा है।
करो हिम्मत, बढ़ो आगे, रखो पूरा विश्वास,
सनातन धर्म का देश यह, कभी न छोड़े आस।

52nd Day (3.0 Day 11-12)
लॉकडाउन में लघु उद्योगों एवं किसानो को राहत पैकेज दिया है,
विदेश से यात्रियों का बुलाना भी चालू किया है,
प्रवासी श्रमिकों की समस्या का हल नहीं निकल रहा है,
बढ़ रहे हैंकोरोना रोगीकोई उपाय नहीं मिल रहा है। 
इसके साथ ही जीना हैयह समझ में  रहा है,
उत्साह बढेडर हटेअब प्रयास यही चल रहा है। 

54th Day (3.0 Day 13-14)
लॉकडाउन 3.0 का आज समापन है। 
नव लॉकडाउन में आपका स्वागत है। 
कोरोना को सीमा सील कर के, क़ैद कर दो,
प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने दो, व्यर्थ न डरो। 
मृत्यु के भय से मुक्त रहो, व्यवहार में पूर्ण सावधान रहो,
ख़ुद फैलानेवाले नहीं बन जाओ, इसलिए सतर्क रहो। 
विश्वास रखो, यहाँ पर विशेष कृपा है भगवान की,
भूमि है सनातन धर्म की, प्रभु रक्षा करते हैं धर्म की। 

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