आज 1100 और कुल 27350 भोजन वितरण,
बारह दिन गुजरे हैं उन्नीस दिन का द्वितीय चरण।
19 दिन!
अद्भुत ग्रन्थ भगवद्गीता सुनाया युद्धक्षेत्र में, स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को!
वर्तमान में स्वामी रामसुखदास ने लिखा, अनुपम टीका साधक संजीवनी को !
त्रयोदश अध्याय क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग में, समझाया भगवान ने देह और देही का अंतर,
सम्पूर्ण सृष्टि में, सभी शरीरों में व्याप्त क्षेत्रज्ञ,
है मात्र एक आत्मा - परमात्मा स्वयं ।
चतुर्दश अध्याय गुणत्रयविभागयोग में बतलाया,
प्रकृति में व्याप्त गुण सत्व, रजस एवं तमस्,
सत्व गुण से ज्ञान, प्रकाश, रजस से होती क्रिया,
तमस् से व्याप्त होता अज्ञान, प्रमाद, आलस्य।
पंचदश अध्याय पुरुषोत्तम योग में, परमात्मा का विशद वर्णन।
क्षर प्रकृति, अक्षर जीवात्मा, पुरुषोत्तम है भगवान कृष्ण स्वयं!
षोडश अध्याय दैवासुरीसंपद्विभागयोग में बताया देवी व आसुरी सम्पदा के गुण, प्रभाव को,
अभिमानी मनुष्य नहीं हासिल कर पाता, मानव जीवन में प्राप्य सत्य, आर्जव दैवी गुणों को।
लॉकडाउन से हम कोरोना रोगी की संख्या कम करने में कामयाब हुए हैं,
क्या अब यदि बढ़े मरीज़, तो हमारे अस्पताल तैयार हो गए हैं ?
अग्नि परीक्षा के लिए हमें कमर कसनी होगी,
रोटी और रोज़गार के लिए, जोखिम लेनी होगी।
हाट्स्पाट के अलावा ज़िलेवार, खोलने का निर्णय करें,
जनता करे पुलिस का सहयोग, नियमों का पालन करे।
अब सब मिल कर करें लड़ाई, करें ईश्वर में पूरा विश्वास,
प्रकृति का रक्षण करें, दो गज दूरी रखें, दिल से रहें पास।