21 दिन!
आज सत्रहवाँ दिन है !
रामचरितमानस का छब्बीसवाँ मासपारायण।
युद्ध प्रारम्भ हुआ, राक्षस वानर लड़ रहे परस्पर,
मेघनाद रण में आकर, करता है युद्ध भयंकर ।
शक्ति लगी लक्ष्मण को, हनुमान लाए सुषेण वैद्य को,
कालनेमि का वध किया, ले आए संजीवनी के पर्वत को।
कुम्भकर्ण लड़ा युद्ध में घनघोर, वध किया अनगिनत वानरों का,
लेकिन अंत में पाई शरण, राम ने वध किया कुम्भकर्ण का।
रावण ने जगाया था कुम्भकर्ण को, लेकिन सब व्यर्थ हो गया,
लक्ष्मण ने मेघनाद का वध करके रावण को विकल कर दिया !
रावण ने जगाया था कुम्भकर्ण को, लेकिन सब व्यर्थ हो गया,
लक्ष्मण ने मेघनाद का वध करके रावण को विकल कर दिया !
रावण ने देखा, सब नष्ट हुए, स्वयं युद्ध करने लगा,
अनगिनत रावण रचे माया से, वानरों को भयभीत करने लगा।
राम ने काटी माया, पर युद्ध कई दिन चलता रहा,
शिव कृपा से पुनः पुनः, नए शीश भुज पाता रहा।
कोरोना का क्या करें, आप भी ज़रा सोचिए,
कठिन समय में, कोशिश करके कुछ कीजिए।
पंजाब और उड़ीसा ने लॉक डाउन बढ़ा दिया है,
सब जगह बढ़ेगा, यह विचार सबको आ गया है।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।
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