आज 1120 और कुल 18280 भोजन वितरण,
आठ दिन गुजरे हैं उन्नीस दिन का द्वितीय चरण।
19 दिन!
अद्भुत ग्रन्थ भगवद्गीता सुनाया युद्धक्षेत्र में, स्वयं भगवान श्री कृष्णा ने अर्जुन को!
वर्तमान में स्वामी रामसुखदास ने लिखा, अनुपम टीका साधक संजीवनी को !!
पंचम अध्याय कर्मसन्यासयोग में अर्जुन पुनः प्रश्न उठाते हैं!
कर्मयोग या कर्मसन्यास में क्या बेहतर, स्पष्ट नहीं बतलाते हैं?
कर्मसन्यास से भगवान, कर्मयोग को विशिष्ट बतलाते हैं।
और अंत में कहते हैं कि, भक्त शांति को प्राप्त हो जाते हैं।
षष्ठम् अध्याय ज्ञानविज्ञानयोग में, अपने से अपने उद्धार का मार्ग बताते हैं।
युक्त आहार विहार के साथ सधे, ऐसे ध्यानयोग का वर्णन करते हैं।
सप्तम अध्याय आत्मसंयम योग, कहा प्रभु ने स्वयं,
वासुदेव सर्वम इति, ऐसा महात्मा मिलना है दुर्गम।
अर्थार्थी, आर्त, जिज्ञासु एवं ज्ञानी, भक्त होते सभी उदार हैं।
लेकिन गुणमयी दुरत्य माया से, केवल शरणागत होते पार हैं।
अष्टम अध्याय अक्षरब्रह्मयोग अधिदैव, अधियज्ञ एवं अधिभूत का वर्णन है,
मृत्यु शय्या पर व्यक्ति को सुनाने से, उसे निश्चित सद्गति मिले, ऐसा कथन है।
लॉक डाउन का दूसरा चरण, शनैः शनैः उद्योग खोल रहे हैं।
आर्थिक गतिविधि चले, कोरोना रोग ना बढ़े, प्रयास कर रहे हैं।
आज केंद्र सरकार का आ गया है नया अध्यादेश
स्वास्थ्य दल पर हमला करने वाले को, कठोर दंड देगा देश।
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