21 दिन!
आज चोदहवाँ दिन है !
रामचरितमानस का तेईसवाँ मासपारायण।
किष्किंधाकांड में राम मिलते हैं, अनन्य भक्त हनुमान से,
बाली ने छीना राज्य और पत्नी, अपने अनुज सुग्रीव से,
राम मित्रता करते हैं सुग्रीव से, बाली का वध कर देते है,
अंगद को युवराज बनाकर, सुग्रीव को राजा बना देते हैं।
वर्षा ऋतु के व्यतीत होने के पश्चात्,
वानर दल कर देते हैं, सभी दिशाओं में प्रयाण,
दक्षिण दिशा में गए अंगद, जामवन्त, महावीर,
जो जान लेते हैं, स्वयंप्रभा व संपाती से मिलकर,
कि लंका में, अशोक वाटिका, में सीता शोकमग्न है,
समुद्र पार कैसे जाए, अब जामवन्त और वानर विचारमग्न है।
लॉक डाउन में सरकार चाहती है, हर कोरोना मरीज़ की पहचान,
कुल नाए मरीज़ों में आधे मरीज़, तबलिगी जमात से, यह अनुमान।
लेकिन छिपकर मस्जिदों में, ये क्यों फैला रहे रोग ?
इतनी दुष्टता, इतना डर, कोरोना है या मानसिक रोग ??
कष्ट और प्रतिकूलता में भी, उत्तरदायित्व नहीं भूलते हैं,
अमेरिका की अपील पर, औषध भी निर्यात करते हैं।
दधीचि का देश यह, विश्व का नेतृत्व कर सकता है,
लेकिन ईश्वर या अल्लाह के फ़ेर में चूक सकता है।
सेवा, सामाजिक दूरी, सहानुभूति एवं विश्वास,
रहो उत्साहित, व्यस्त निरंतर, ना हो कभी निराश।
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