21 दिन!
आज ग्यारहवाँ दिन है !
रामचरितमानस का बीसवाँ मासपारायण।
भरत आगे बढ़ रहे हैं, और उनके आगे चल रहा है उनका यश,
ग्लानि है भले माँ के कारण, फिर भी है राम मिलन का हर्ष।
गंगा, यमुना, मंदाकिनी के तट पर विश्राम एवं स्नान।
लक्ष्मण के मन में उठा संदेह, राम ने किया समाधान।
लॉक डाउन करे या ना करे, दुनिया में अब विवाद का विषय नहीं,
कितने समय के लिए, किस तरह से करें, विचार का विषय यही।
लेकिन लॉक डाउन अभी भेड़ चाल जैसा उपाय है,
अभी नहीं, बर्बादी देरी से, सरकारें निरुपाय है।
सामाजिक दूरी हमारा स्वभाव बने,
आवश्यकता आधारित जीवन बने,
प्रकृति का शोषण नहीं, आदर करें,
जीवों से सहानुभूति से व्यवहार करे।
विश्वास रखें, सर्वशक्तिमान परमात्मा का,
साधनो की सीमा है, मार्ग है प्रार्थना का।
साधन जुटाते रहें, प्रयत्न करते रहें,
कर्तव्य पालन हेतु, विश्वास बना रहे।
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