21 दिन!
आज सोलहवाँ दिन है !
रामचरितमानस का पच्चीसवाँ मासपारायण।
राम पहुँच गए लंका में, नल-नील से सेतु बँधाकर,
लंका पति रावण से युद्ध, की योजना बनाकर।
लेकिन एक अंतिम अवसर, रावण को देते हैं,
बाली पुत्र अंगद को, अपना दूत बनाकर भेजते हैं।
अंगद ने रावण को, पैर से बल दिखला दिया,
भरी सभा में रावण को , लज्जित कर दिया।
प्रहस्त, माल्यवंत व मंदोदरी रावण को समझाते रहे,
काल नाच रहा सिर पर, रावण के बीस कान बहरे हुए।
युद्ध का प्रथम दिन, प्रारंभ हुआ वानर-राक्षस रण,
लंका के चारों द्वारों पर,किया वानरों ने आक्रमण।
लॉक डाउन का क्या करें, हॉट स्पॉट सील करें ?
अर्थव्यवस्था धीमी हो रही, कैसे नियंत्रण करें ??
जमात का ज़िक्र, क्यों हो रहा है आँकड़ो में,
क्यों न हो, जब तीस प्रतिशत जुड़े है जमात से,
ऐसे उन्माद और साम्प्रदायिकता से बचना होगा,
प्रेम, धर्म और विश्वास से, जीवन रक्षित होगा।
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