Sunday, April 5, 2020

Lockdown Day 12 Apr 5, 2020

21 दिन!
आज बारहवाँ दिन है !
रामचरितमानस का इक्कीसवाँ मासपारायण।
भरत मिल रहे राम सेकितना अनुपम दृश्य है,
प्रेम और स्नेह असीमित यहाँअपरिमित हर्ष है। 
राजा जनक भी  गए हैंचित्रकूट सपरिवार,
कैसा अद्भुत समय हैशोक और हर्ष दोनों अपार।  
भरतस्वामी के समान राम की आज्ञा मानते हैं
राम उनके मनचाहा करने का वचन दे देते हैं,
लेकिन प्रेम संकोच वशभरत नहीं कह पाते हैं। 

अवलम्ब चाहते हैं राम से चौदह वर्ष के लिए,
चरण पादुकाओं को लाते हैंसिंहासन के लिए,
जीवन हैं तपस्वी कानंदीग्राम में कुटिया बनाकर,
रहेगा यश अमरजब तक रहेंगे शशि दिवाकर। 
राम आनंदित हो बन मेंतपस्वी जीवन जी रहें है,
भरत अयोध्या में विरह की अग्नि में तप रहें है। 

लॉक डाउन कब ख़त्म होगाव्याप्त है यही संशय
ख़त्म हो चरणबद्धवरना क्या होगायह है भय। 
हर समर्थ व्यक्ति को राष्ट्र का आह्वान यही है,
लॉक डाउन हो भलेआपका योगदान ज़रूरी है। 
शोध करोदान करोजागृति फ़ैलाओ समाज में,
निरंतर प्रयास करो,अवसाद-भ्रम  हो समाज में। 

संख्या बढ़े संक्रमण कीया भले ही मृत्यु की,
तुम्हारा विश्वास ना डिगेजीत ना हो मृत्यु की। 
उत्साह हमारा आज प्रकाश पर्व में प्रकाशित हो,
सामाजिक दूरी से निश्चितकोरोना पराजित हो। 
हम सभी हैं साथ - साथविश्व को दिखा देना है,
जगत् बढ़े साथ-साथ,विश्व बंधुत्व सिखा देना है। 

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